MY BABY- (HINDI)

मेरा बच्चा 
इस श्रेणी में हम बच्चे के विकास के बारे में अपने विचार बताएंगे अगर बच्चे में कोई विविधता दिखी तो मदद कब लेनी चाहिए? अलग-अलग तकलीफों में थैरेपी कैसे काम आती है, उसके बारे में भी बताएंगे 

थेरेपी (रिहैबिलिटेशन थेरेपी) 
यह एक वैज्ञानिक प्रकार है जिसमें बच्चों को दवा या सर्जरी के बिना ठीक किया जाता है कई सालों से यह देखा गया है कि मां-बाप को अपने बढ़ते हुए बच्चों में अलग-अलग तकलीफ दिखती है, जो सर्जरी और दवा से ठीक नहीं हो सकती लेकिन उन्हें विशेष ध्यान देना जरूरी है ऐसी तकलीफों की जांच करना, समझना और अलग-अलग तरीकों से उन्हें ठीक करना उससे थेरेपी बोलते हैं 
यह थेरेपी को उनके कार्यत्मकता के आधार पर उपसमूह किया गया है 
 जैसे: 
१] फिजियो थेरेपी 
२] ऑक्यूपेशनल थेरेपी 
३] स्पीच थेरेपी 
४] बिहेवियर थेरेपी ( साइकोलॉजी) 

फिजियो थेरेपी 
यह ेरेपी के विभाग में हम बच्चों के शारीरिक तकलीफों का हल लाते हैं उदाहरण के लिए ,मेरा बच्चा  महीने का हो गया है पर अपनी गर्दन नहीं पकड़ सकता मेरा बच्चा  महीना का है बिठाने पर भी खुद से हीं बैठ कता बच्चे का दोनों पैर एक समान नहीं है या फिर उसे कम या ज्यादा उंगलियां है मेरा बच्चा बार-बार गिरता रहता है एक फिजियोथैरेपिस्ट यह सब मामलों में मदद कर सकती है 
ऑक्यूपेशनल थेरेपी 
 इस विभाग में बच्चे का संवेदन, दुनिया से नाता, उम्र के हिसाब से उसकी कार्य करने की क्षमत और  ऐसी कई तकलीफ हो ो ठीक किया जाता है।  जैसे कि, मेरा बच्चा अपनी उम्र के बच्चों के सॉन्ग खेलता नहीं हमारा बच्चा बार-बार एक ही चीज दोहराता रहता है। मेरे बच्चे की पकड़ बहुत कमजोर है मेरा बच्चा बिना कारण डरता है मेरे बच्ची बहुत ही बदमाश है और किसी की सुनती नहीं ऐसे सब मुश्किलों का जवाब ऑक्यूपेशनल थेरेपी से मिलता है। 
स्पीच थेरेपी 
भले इस थेरेपी का नाम स्पीच थेरेपी है पर यह स्पीच के साथ-साथ मुंह का हिलना और खाना, पानी या ठुक निकलने की तकलीफों को ठीक करती है यह थैरेपिस्ट उन बच्चों को मदद करती है जिनको चिपचिपा या कुरकुरा खाना बिल्कुल भी पसंद नहीं ऑक्यूपेशनल थैरेपिस्ट उन बच्चों की सहायता देते हैं जो बोल नहीं सकते या फिर बोल सकते हैं पर क्या बोले यह उन्हें समझ नहीं होती 
बिहेवियर थेरेपी ( साइकोलॉजी  ) 
इस थेरेपी में थैरेपिस्ट बच्चों की दुनिया उनके सोच और उनके विचारों को समझती है और उनके अलग व्यवहार दर्शाने का कारण बताती है 
जैसे मेरा बच्चा बहुत ही आतुर है और बिल्कुल शांति से बैठता नहीं। मेर बच्च अच्छे से बोल नहीं पाती मेरा बच्चा स्कूल जाने को मना करता या सब से झगड़ा करता रहता है।  
यह सब थेरेपी मां बाप के उलझनों का समाधान लाती है 
भले यह सब अलग-अलग विभाग है पर एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। जैसे, बच्चे का पैर की उंगलियों पर चलने का कारण उसके कड़क मसल हो सकते हैं ,या अतिंवेदनशील चरण का होना, या फिर अपने शरीर का संतुलन ना रख पाना हो सकता है ऐसी तकलीफ में फिजियोथैरेपी और ऑक्यूपेशनल थेरेपी दोनों काम कर सकते हैं। उसी तरह से बच्चे का तोतला बोलने का उपाय स्पीच थेरेपी और बिहेवियर थेरेपी दोनों में आता है 
यह सब ध्यान में रखते हुए कई केंद्रों में, जैसे कि हमारे केंद्र में सभी थैरेपिस्ट साथ में काम करते हैं इस तरह के से बच्चे का समय बचता है और सभी थैरेपिस्ट के ालमेल से श्रेष्ठ निकाल लाया जा सकता है उसी तरफ से सभी जगह पर स्पेशलिस्ट का होना मुश्किल है तभी बच्चे के हित में थैरेपिस्ट  एक दूसरे का काम करते हैं 
हमें आशा है कि यह उल्लेख आपको लाभदायक रहा होगा अगले लेख में इस बारे में बात करेंगे ,क्या मेरा बच्चा अच्छे से बढ़ रहा है?”  “मुझे कैसे पता चलेगा? 

  • शिवांगी पुरंदरे  
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